रानीगंज- शनिवार को रानीगंज के वार्ड संख्या 93 स्थित अशोकपल्ली उन्नयन समिति क्लब के पास तीन पुरुषों और एक महिला का समूह संदिग्ध रूप से घूमता देखा गया। स्थानीय लोगों को संदेह हुआ और उन्होंने पूछताछ शुरू कर दी। जवाबों से संतुष्ट न होने पर, लोगों ने उन्हें बच्चों को पकड़ने वाले गिरोह का सदस्य मान लिया। इस अफवाह से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई।जैसे ही यह अफवाह फैली, कॉलोनी के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय लोगों ने चारों को घेर लिया। हिंदी भाषी युवती और पुरुषों ने अपना परिचय देकर दावा किया कि वे एक अनाथालय के लिए धन इकट्ठा कर रहे हैं। जब स्थानीय निवासियों ने उनके दस्तावेज़ों की जांच की, तो पाया गया कि वे नकली थे और पहचान पत्र भी फर्जी हो सकते हैं।पिछले कुछ दिनों से दुर्गापुर समेत कई इलाकों में बच्चों के अपहरण की अफवाहें फैली हैं, जिसमें पुनर्विवाह के नाम पर महिलाओं की तस्करी और बच्चों के अपहरण के आरोप भी लगे हैं। इन घटनाओं ने क्षेत्र में भय का माहौल बना दिया है। जब स्थानीय निवासियों ने उनसे सवाल किया कि वे वहां क्यों घूम रहे हैं, तो समूह के सदस्य इधर-उधर भागने लगे, जिससे संदेह और बढ़ गया।
पुलिस ने युवती समेत तीन युवकों को हिरासत में ले लिया और फिलहाल उनसे पूछताछ के लिए रानीगंज थाने ले जाया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि सतर्कता की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी पुलिस को दें और खुद कानून हाथ में लेने से बचें। अफवाहों के आधार पर कोई कदम उठाने से पहले पूरी जानकारी हासिल करना आवश्यक है, ताकि बेगुनाह लोगों को परेशान न किया जाए।
इस तरह की घटनाएं समाज में अविश्वास का माहौल पैदा करती हैं, इसलिए सतर्कता के साथ-साथ संयम भी जरूरी है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।